तजकिया किसी रहस्यमय चीज़ का नाम नहीं है। तजकिये का माध्यम ध्यान (meditation) नहीं है, बल्कि तजकिये का माध्यम चिंतन-मनन (contemplation) है। खुद के बारे में और संपूर्ण सृष्टि के बारे में चिंतन-मनन करना और उनसे ईश्वर की अनुभूति (God realization) की मानसिक या बौद्धिक जीविका प्राप्त करना। यही वह प्रक्रिया है, जिससे आदमी के अंदर विशुद्ध व्यक्तित्व (purified personality) बनता है।