ईश्वर पर ईमान लाना और खुद को ईश्वर के आदेशों को पूरा करने में लगाना अपने आप को उसकी मदद का हक़दार बनाना है. जब कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो उसको ख़ुदा की विशेष कृपा मिलनी शुरू हो जाती है. वह अपनी जिंदगी के हर मामले में ख़ुदा के पसंदीदा सत्य मार्ग पर चलने वाला बन जाता है. ऐसे वयक्ति का जीवन पवित्र जीवन बन जाता है. इस जीवन को कुरआन में बहुत स्पष्ट तौर पर बताया गया है. इस पुस्तक में कुरआन की उन आयतों का चयन किया गया है जिनसे पवित्र जीवन के विभिन्न मौलिक आधारों को समझने में मदद मिलती है. इस प्रकार यह लेखन पवित्र जीवन का परिचय भी है और उसका साबित शुदा नमूना भी.