एक अच्छा समाज या एक अच्छा वैवाहिक जीवन इस बात पर निर्भर नहीं करता कि पति को बिलकुल अपनी पसंद की पत्नी मिले या पत्नी को बिलकुल अपनी पसंद का पति मिले।
सच तो यह है कि प्रकृति के नियम के अनुसार ऐसा हो नहीं पाता। एक सफल वैवाहिक जीवन का रहस्य जीवनसाथी के साथ अपनी पसंद के ख़िलाफ़ एडजस्ट करना है, नापसंद में पसंद का पहलू ढूँढना है।
महिलाएँ और पुरुष आम तौर पर एक आम समस्या से पीड़ित होते हैं। हर किसी को लगता है कि उन्हें जो पार्टनर मिला है या जो जीवन मिला है, वह उनकी चाहत से कम है। जो जीवन उसे मिला है, उससे असंतुष्ट होकर प्रत्येक आदमी दूसरे कल्पित जीवन की तलाश में रहता है। यह अवधारणा अत्यधिक अवास्तविक (unrealistic) है। एक महिला या एक पुरुष, जो अपने मन में आदर्श जीवन लिये हुए है, अगर वह उसे मिल भी जाए, तब भी वह असंतुष्ट ही रहेगा।