हज्जतुल विदा के मौके पर रसूल अल्लाह ने अपने असहाब को ख़िताब करते हुए कहा- 'मेरी तरफ से पहुँचाओ उन लोगों तक, जिन तक नही पहुँचा है।" उम्मते मुस्लिमा का मिशन दावत इलल्लाह है। हज का मकसद यह है कि उम्मत के अफ़राद हर साल मका के तारीख़ी मुकाम पर जमा हो । यहाँ वे मुख्तलिफ आमाल की अलामती अदायगी के ज़रिये पैगंबर की दावती सुन्नत को याद करे और फिर दावत इलल्लाह की स्पिरिट को लेकर दुनिया में फैल जाएँ, जैसा कि अस्हावे- रसूल इस दावती मकसद के लिए दुनिया में फैले थे।